International Yoga Day 2022 – मन, शरीर और आत्मा के बीच संतुलन बनाता है योगः सुगन्धा
योग दिवस 2022: नोएडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी में आठवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन
इस बार के योग दिवस की थीम थी ‘मानवता के लिए योग’
पूरी दुनिया में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। इस आंठवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर मंगलवार को नोएडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी (एनआईयू) में सामूहिक योगाभ्यास किया गया। इस अवसर पर योगाचार्या सुगन्धा गोयल (निदेशक, टेक-अ-ब्रीथ संस्थान) ने योगाभ्यास कराया। कार्यक्रम में एनआईयू की वाइस-चासंलर डा उमा भारद्वाज, प्रो-वाइस-चासलर डॉ प्रसनजीत कुमार उपस्थित रहे।
अनुशासन है योग का पहला नियम
योगाचार्या सुगन्धा गोयल ने मानव जीवन में योग के महत्व को बताते हुए कहा कि योग का पहला नियम अनुशासन से जुड़ा है और यह मन, शरीर और आत्मा के बीच संतुलन बनाने में मदद करता है। योग हमें अनुशासन में बांधकर, निरोगता, शारीरिक व मानसिक विकास की ओर ले जाता है।
योग एक छोटी सी व्यवस्था से एक बड़े आयाम की ओर हम सभी को ले जाने का कार्य करता है। इतना ही नहीं, सुगन्धा गोयल ने कहा कि ‘शरीरमाद्यं खलु धर्म साधनम्’। शरीर ही सारे कर्तव्यों को पूरा करने का एकमात्र साधन है। इसलिए शरीर को स्वस्थ रखना बेहद आवश्यक है, क्योंकि सारे कर्तव्य और कार्यों की सिद्धि इसी शरीर के माध्यम से ही होनी है। अतः इस अनमोल शरीर की रक्षा करना और उसे निरोगी रखना मनुष्य का सर्वप्रथम कर्तव्य है। ‘पहला सुख निरोगी काया’ यह स्वस्थ रहने का मूल-मंत्र है। यह योग के बिना संभव नहीं है।
योगाचार्या सुगन्धा गोयल ने आगे बताया कि योग दर्शन का पहला सूत्र ‘अथ योगनुशासनम’ पढ़ते ही सहज जिज्ञासा होती है कि योग क्या है? अब योग के अनुशासन को प्रारम्भ करते हैं। इस वाक्य से यह जिज्ञासा मन में सहज उठती है कि ‘योग’ किसे कह रहे हैं? तब महर्षि पतंजलि ने योग की परिभाषा समझाते हुए शिष्यों को कहा कि चित्त की वृत्तियों का रुक जाना योग है। यह सम्पूर्ण संक्षिप्त और सारगर्भित परिभाषा है। योग को संपूर्णता से समझने के लिए आपको चित्त क्या होता है! वृत्ति क्या होती है? निरोध शब्द से यहां क्या मतलब है! यह सब समझे बिना योग का मूल एवं वास्तविक अर्थ नहीं समझा जा सकता है। योग केवल शारीरिक और मानसिक तौर पर स्वस्थ्य नहीं बनाता बल्कि यह सामाजिक रूप से भी आपका विकास करता है।
सभी ने योग कर स्वस्थ रहने का संदेश दिया
योगाचार्या सुगन्धा ने योग आयोजन में पधारे लोगों को उनकी लाइफ स्टाइल से जुड़ी समस्याओं के निदान के लिए अलग-अलग आसन करवाए। के योगाभ्यास दौरान उन्होंने ताड़ासन, त्रियक ताड़ासन, कटिचक्र आसन, वृक्षासन, त्रिकोणासन के साथ ही गोमुखासन, पद्मासन, सिद्धासन, पश्चिमोत्तानासन, मंडूकासन, वज्रासन, धनुरासन का भी अभ्यास कराया। वहीं प्राणायाम में नाड़ी शोधन प्राणयाम, सूर्यभेदी प्राणायाम, भ्रामरी प्राणायाम आदि करवाए।
साथ ही, विभिन्न मुद्राओं व अलटरनेटिव (थैरेपी वैकल्पिक चिकित्सा) के बारे में विस्तार से बताया। इस अवसर पर सभी विभागों के निदेशक-विभागाध्यक्ष व छात्र-छात्राओं ने योगाभ्यास किया।