विश्वविधालय जैन विश्व भारती राजस्थान ने डॉक्टर ऑफ फिलोसॉफी की उपाधि से किया सम्मानित
लखनऊ : यूपी के जनपद इंदिरानगर मायावती कालोनी के रहने वाले बृजेश कश्यप को जैन विश्व भारती विश्वविद्यालय राजस्थान सरकार ने डॉक्टर ऑफ फिलोसॉफी की उपाधि सम्मानित किया है, डॉक्टर बृजेश कश्यप का शोधकार्य ” लाईफस्टाइल पैरामीटर पर योग से पड़ने वाले प्रभाव” का अध्ययन विषय में था, जिसमें कुल 12 पैरामीटर है, जिसमें खास मुख्य रूप से सुगर लेवल, हीमोग्लोबिन, क्रिएटनीन, लिपिड प्रोफाइल रेस्पिरेटरी फंक्शन, बीपी,और आदि 4 और पैरामीटर पर था, आपका पीएचडी रजिस्ट्रेशन 2016 में हुआ था।
जिस शोधकार्य 2019 में शोधगाइड डॉ प्रद्यमुन्न सिंह शेखावत के मार्गदर्शन में पूर्ण हुआ आयोजित 13 वे दीक्षांत समारोह 12 नवंबर के अवसर पर विश्वविद्यालय द्वारा माननीय मुख्य अतिथि एच ई कलराज मिश्रा ( गर्वनर ऑफ राजस्थान ) और कैबिनेट मंत्री अर्जुनराम मेघवाल एवं विश्वविद्यालय कुलपति दुंगड़ जी द्वारा लखनऊ उ.प्र के बृजेश कश्यप पुत्र स्व. विश्राम-गंगाजली को योग विज्ञान में डॉक्टर ऑफ फिलोसॉफी की उपाधि प्रदान की गई, डॉ. बृजेश कश्यप का शोधकार्य लाइफस्टाइल पैरामीटर योग का प्रभाव विषय पर था।
पीएचडी की उपाधि प्राप्त किये जाने पर क्षेत्र के लोगों ने उनको बधाई संदेश भेजने शुरू कर दिए हैं। योग की पहली शिक्षा युग निर्माण विधालय मथुरा में 2004 में श्री बादशाह सर जी के पहले योग गुरु के रूप में मिली। डॉ आनंद जी के मार्गदर्शन में मुझे प्रथम बार योग शिक्षक बनने का मौका 2005 में आशीर्वाद स्वरूप मिला। अपने उपलब्धी का श्रेय श्री राधेश्याम चौधरी जी को बता रहे हैं, जो की पिता जी के बहुत घनिष्ठ मित्र है, चौधरी जी के द्वारा मुझे गायत्री परिवार से जुड़ने और पूज्य गुरुदेव प. श्री राम शर्मा आचार्य जी का आशीर्वाद स्वरूप गायत्री मंत्र की दीक्षा प्राप्त करने का अवसर मिला। मेरे जीवन का कायाकल्प करने वाले मेरे गुरुदेव पं. श्री राम शर्मा आचार्य जी मेरे जीवन के प्रेरणस्रोत है, उनके आशीर्वाद से ही सबकुछ संभव हुआ, माता पिता का संस्कार एवं पिता समान बड़े भैया श्री संजू कश्यप, राजेश, और बनवारी जी का प्रेरणा मिलता रहा साथ ही बड़ी भाभी नीरू कश्यप, रेनू और पूनम जी स्नेह मिलता रहा।