भाजपा के परचम और कांग्रेस के पतन की ये है बजह (Congress vs BJP)

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बीजेपी के परचम और कांग्रेस के पतन की  बजह (Congress vs BJP)

एक वक्त था जब कांग्रेस पार्टी(Congress party) सत्ता की सर्वश्रेष्ठ पार्टी हुआ करती थी उनके पास लगातार 55 वर्ष सत्ता में रहने का रिकॉर्ड भी है‌। अपने पहले चुनाव में कांग्रेस (Congress) ने 364 सीटें जीतकर प्रखंड बहुमत प्राप्त किया था लेकिन 16वीं लोकसभा चुनाव आते-आते कांग्रेस मात्र 44 सीटों पर सिमट गई। वहीं दूसरी तरफ है भारतीय जनता पार्टी (BJP) जिसकी स्थापना 1980 में हुई थी यानी कांग्रेस के स्थापना के 95 वर्षों बाद, अपने पहले चुनाव पर जो पार्टी मात्र 2 सीटों पर सिमट गई थी वहीं भारतीय जनता पार्टी आज 18 राज्यों में यानी 50% आबादी पर राज करती है। वहीं कांग्रेस की बात करें तो वह मात्र पांच राज्यों में सिमट के रह गई है और अपने अस्तित्व बचाने की लड़ाई लड़ रही है।

कांग्रेस का सत्ता इतिहास(History Of  Congress)

कांग्रेस की स्थापना अंग्रेज एओ ह्युम ने 28 दिसंबर 1885 की थी। कांग्रेस संगठन का पहला अध्यक्ष व्योमेशचंद्र बनर्जी को बनाया गया था। जब कांग्रेस की स्थापना की गई थी उसका मुख्य उद्देश्य भारत को आजादी दिलाना था पर आजादी मिलने के बाद वहीं कांग्रेस भारत की प्रमुख राजनीतिक पार्टी बन गई। आजादी मिलने के बाद महात्मा गांधी ने कहा था कि कांग्रेस को जिस उद्देश्य संगठित किया गया था अब वह पूरा हो चुका है अतः इसे खत्म कर देना चाहिए।

कांग्रेस का चुनावी चिन्ह वर्तमान में हाथ का पंजा है परंतु इससे पहले भी बैल का जोड़ा और गाय-बछड़े भी कांग्रेस के चुनावी चिन्ह रह चुके हैं। अपने पहले विधानसभा चुनाव में 364 सीटें जीतने वाली कांग्रेस ने देश को सात प्रधानमंत्री दिए हैं। जिसमें भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू (pandit Jawaharlal Nehru) शामिल है। आजादी की पूर्व संध्या पर नेहरु के द्वारा दिए गए सदन में अंग्रेजी भाषण tryst with destiny को बीसवीं सदी के महान भाषणों में से एक गिना जाता है।

वही जय जवान जय किसान का नारा देने वाले भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) भी कांग्रेस से ही आते हैं। बेहाल आज भी शास्त्री जी की मौत एक राज बना हुआ है। 1975 में देश में आपातकाल (Emergency) लगाने वाली देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भी कांग्रेस से आती है। उसी तरह भारत में कंप्यूटर टेक्नोलॉजी (computer technology) लाने वाले राजीव गांधी देश को आर्थिक मंदी से बचाने वाले मनमोहन सिंह भी कांग्रेस पार्टी से ही आते हैं। मनमोहन सिंह 2004 से 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रहे। सोनिया गांधी वर्तमान में कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष है।

भाजपा(BJP) का संघर्ष से सत्ता तक का सफर:

भारतीय जनता पार्टी(BJP) जिसकी स्थापना साल 1980 में हुई थी पर श्यामप्रसाद मुखर्जी ने इसकी नींव 1951 में ही रख दी थी। अपने पहले विधानसभा चुनाव में सिर्फ 2 सीटों पर सिमटी भाजपा 17वे विधानसभा चुनाव में अपने दम पर 303 सीटें जीत कर लगातार दूसरी बार नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सत्ता पर काबिज हुई थी।
भाजपा को मजबूती देने में अटल बिहारी वाजपेई (Atal Bihari Vajpayee) और लालकृष्ण आडवाणी (Lalkrishna Advani) का अहम किरदार रहा है।

अटल बिहारी वाजपेई 1996 मैं पहली बार प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी मगर उनका कार्यकाल मात्र 13 दिन का रहा।अटल जी पहले गैर कांग्रेसी राजनेता थे जो देश के प्रधानमंत्री बने। 1998 में हुए चुनाव में एक बार फिर अटल बिहारी वाजपेई को प्रधानमंत्री बना दिया लेकिन जयललिता (jayalalita) की पार्टी ने विश्वास मत के दौरान अटल जी के विपक्ष में वोट देकर उनकी सरकार गिरा दी थी। 1999 में अटल बिहारी वाजपेई प्रधानमंत्री बने और गठबंधन की सरकार चलाई।

2004 में भाजपा की तरफ से लालकृष्ण आडवाणी को बतौर प्रधानमंत्री का चेहरा पेश किया गया लेकिन वह पार्टी को सत्ता में वापस लाने में नाकामयाब रहे। 2014 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने गुजरात के तीन बार मुख्यमंत्री रहे नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को बतौर प्रधानमंत्री चेहरा पेश किया।भाजपा (BJP) ने 2014 में शानदार जीत दर्ज कर सत्ता में वापसी की। 2014 में भारतीय जनता पार्टी ने अपने बलबूते 282 सीटें जीती।

जब नरेंद्र मोदी(Narendra Modi) सत्ता में आए थे यानी 2014 में भाजपा की सिर्फ 7 राज्यों में सरकार थी यानी पूरी आबादी का मात्र 31% था‌ जो कि 2018 आते-आते भाजपा की कुल 21 राज्यों में सरकारे थी यानी कुल आबादी का 71% हो गया था। वर्तमान की बात करें तो 2022 तक बीजेपी की 18 राज्यों में सरकारें हैं यानी कुल आबादी के 50% पर भगवा रंग छाया हुआ है।

कांग्रेस के पतन के कारण:

1.परिवारवाद – कहा जा सकता है कि कांग्रेस का अस्तित्व सिर्फ नेहरू गांधी परिवार में ही सिमट के रह गया है। कांग्रेस पार्टी में नेहरू गांधी परिवार के अलावा किसी और नेता को बतौर पार्टी के अध्यक्ष भी देखा नहीं जा सकता है तो मुख्यमंत्री के चेहरे और प्रधानमंत्री चेहरे के लिए तो बात ही छोड़ दीजिए। ऐसा नहीं है कि कांग्रेस पार्टी में अच्छे नेता नहीं है पर कांग्रेस पार्टी परिवारवाद से आगे निकल ही नहीं पा रही है और ये कांग्रेस पार्टी के पतन का मुख्य कारण है।

2.पार्टी कार्यकर्ताओं से नेताओं की तनातनी- हाल ही में यूपी चुनाव के परिणाम घोषित किए गए। कांग्रेस पार्टी के बेहद ही खराब प्रदर्शन के बाद कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने इसकी सारी विफलता पार्टी के कार्यकर्ताओं के मत्थे मर दिया। वहीं दूसरी ओर भाजपा ने अपने प्रमुख कार्यकर्ताओं को व्यक्तिगत रूप में पत्र लिखकर उनके प्रयासों के लिए उनका धन्यवाद किया।

3. युवाओं को अपने पक्ष में करने में नाकाम- भारत एक युवा देश है। कुल मतदाताओं में से 50% मतदाता युवा है, ऐसे में राहुल गांधी से उम्मीद थी कि वह युवाओं अपनी ओर खींचने में कामयाब रहेंगे परंतु राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी युवा के विश्वास को जीतने में असमर्थ रही। पार्टी के युवा चेहरा यानी सचिन पायलट और सिंधिया के प्रयासों और काबिलियत को नजरअंदाज करना कांग्रेस पार्टी को काफी महंगा पड़ा है।

भाजपा के उदय की प्रमुख कारण

1.प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) का चेहरा- भाजपा किसी भी जीत के प्रमुख चेहरे के तौर पर हमेशा प्रधानमंत्री मोदी नजर आते हैं। प्रधानमंत्री मोदी के प्रभावशाली भाषण उनकी खुद्दार और बेदाग छवि को लेकर प्रधानमंत्री मोदी जनता के बीच विश्वसनीय है‌। प्रधानमंत्री मोदी का खुलकर हिंदुत्व पर बात करना लोगों के बीच भगवा रंग यानी बीजेपी की स्थापना करने में प्रधानमंत्री मोदी का बहुत बड़ा योगदान है।

2.योजनाओं ने घर- घर तक पहुंचाया- स्वच्छ भारत अभियान और उज्जवला योजना जैसी योजनाओं से भाजपा ने घर-घर में अपनी पहुंच बनाई।

3.जमीनी स्तर पर काम लाई रंग- भाजपा की सबसे बड़ी मजबूती उसके कार्यकर्ता है बीजेपी एकलौती एक ऐसी पार्टी है जिसके सबसे ज्यादा कार्यकर्ता है ज्यादा कार्यकर्ता होने की वजह से वह जमीनी स्तर पर लोगों की समस्याएं समझ पाते हैं उस हिसाब से अपनी आगे की योजना बनाते हैं।

4.युवाओं का साथ- बेरोजगारी युवाओं की सबसे बड़ी समस्या है इसको दूर करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने स्किल इंडिया,(skills India) मेक इन इंडिया (make in India) और स्वच्छ भारत जैसी योजनाएं लांच कर कर युवाओं विश्वास जीता है।

आगरा आपसे पूछा जाये Congress VS BJP में कौन सी पार्टी बेहतर है तो आप क्या सुझाब देंगे और क्यों ।

क्या बीजेपी को आरक्षण आर्थिक आधार पर देना चाइये या जाति के आधार

 

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