taj mahal or tejo mahalaya ताज महल या तेजोमहालय क्या है सच्चाई

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ताज महल या तेजो महालय:Taj Mahal or Tejo Mahalaya

मैं ताजमहल(Taj Mahal) हूं या तेजो महालय(Tejo Mahalaya) यह सिर्फ मुझे इतिहासकार ही बता सकते हैं ।मोहब्बत की निशानी के नाम से विश्व में अजूबों में मुझे शामिल किया गया एक वक्त था कि सात अजूबों में मेरा पहला स्थान रहा लेकिन राजनीतिक मुद्दों में भी मेरा पहला स्थान होने को है क्योंकि मेरा नाम ताजमहल से तेजो महालय होने को है। प्रमाण किसी के पास पूरे नहीं मेरा वजूद बताने वाला हर कोई नहीं लेकिन सियासत करने के लिए सभी हैं क्योंकि अब मैं ताजमहल से तेजोमहालय के रूप में बदल रहा हूं।

ताज महल के तेजो महालय होने के सुबूत :

लेखक पीएन ओक ने एक किताब लिखी थी Taj Mahal: The True Story जिसमें उनका कहना है कि ताज महल  एक हिंदू मंदिर था। आइए समझते हैं क्या है पूरा मामला और कई लोगो का कहना है  कि ताजमहल वास्तव में तेजो महालय है। कई websites पर लिखा भी है कि ताजमहल वास्तव में एक मंदिर क्यों था और मुग़ल शासक शाहजहाँ की पत्नी मुमताज़ का मकबरा क्यों नहीं था।

ताजमहल शब्द का उल्लेख मुग़ल कालीन किसी भी दस्तावेज मैं नहीं मिलता है और न ही औरंगजेब के टाइम मैं मिलता है ।”महल” शब्द कभी भी मुस्लिम समाज मैं कही भी इस्तेमाल नहीं होता क्योंकि अफगानिस्तान से लेकर अल्जीरिया तक दुनिया भर के किसी भी मुस्लिम देश में “महल” नाम की कोई भी ईमारत देखने को नहीं मिलती ।

लोगो का कहना है कि ताज महल का नाम मुमताज महल के नाम पर रखा गया है लेकिन ये बात हजम नहीं होती क्यों कि उसका नाम कभी मुमताज महल नहीं बल्कि मुमताज-उल-जमानी था। वही शाहजहाँ के समय के बहुत से यूरोपीय पर्यटक ताज-ए-महल के रूप में इमारत की ओर इशारा करते हैं और यह लगभग सही भी है क्यों कि सदियों पुराना संस्कृत नाम तेज-ओ-महालय एक शिव मंदिर का प्रतीक है।

ताज महल मै शूज पहनकर नहीं जाते :

संगमरमर के चबूतरे पर चढ़ने से पहले जूते उतारने की परंपरा शाहजहाँ से पहले के समय से शुरू हो गयी थी जब ताज महल एक शिव मंदिर था। अगर ताजमहल पहले से मुमताज का मकबरा होता तो जूते उतारने की जरूरत नहीं होती क्योंकि कब्रिस्तान में जूते की जरूरत होती है।

योगी सरकार के दोबारा सरकार में आने पर ताजमहल को तेजो महालय सिद्ध करने के लिए लगातार कोशिशें चल रही है जो ताजमहल 1632 में मुगल सम्राट शाहजहां द्वारा अपनी पसंदीदा पत्नी मुमताज महल की मकबरे के लिए शुरू किया गया था।

वरिष्ठ पत्रकार राजीव सक्सेना बताते हैं कि कोई भी मुगल अपनी संपत्ति लेकर हिंदुस्तान में नहीं आया था इसलिए इस बात को हम नहीं नकार सकते हैं कि मुगलों ने अधिकांश मंदिरों के ऊपर ही मस्जिद मजार बनाने का कार्य किया और जिस जगह पर ताजमहल है वह जगह पहले जयपुर के राजा मानसिंह की संपत्ति हुआ करती थी लेकिन उनके पुत्र राजा जयसिंह को छोड़ने के बदले में 4 इमारतें शाहजहां ने बदले में ली थी।

जिसमें से एक इमारत है आगरा का ताजमहल और उसी स्थान पर ताजमहल बनवाने का कार्य किया गया था इतिहासकार राजकुमार राजे भी किताब तारीख के अखबार मैं भी इस बात का जिक्र है कि हो सकता है कि ताजमहल में शिव मंदिर हो और उसके ऊपर निर्माण कराया हो क्योंकि मुगलों की जितने भी इमारतें बनाई गई हैं मंदिरों के ऊपर ही इमारत तैयार कराई गई है। ऐसे में हो सकता है कि तेजो महालय एक वक्त में रहा हो क्योंकि ताजमहल शुरू से ही मुगलों की संपत्ति नहीं रही है उस जगह पर पहले जयपुर के राजा मानसिक की संपत्ति हुआ करती थी। और हो सकता है हिंदू राजा होने की वजह से उस जगह पर मंदिर भी हो इसके साथ ही वरिष्ठ पत्रकार ने कहा कि देश में और भी मुद्दे हैं जिन पर गहन चर्चा करनी चाहिए जो इतिहास लिख गया है उसको बदला नहीं जा सकता इसलिए मैं इतिहास बनाने के लिए दोबारा से एक नई खोज की जाए और रही बात ताजमहल के तेजोमहालय के प्रमाण पत्र की तो उससे भी जुड़े प्रमाण पत्र अलग-अलग म्यूजियम में रखे हुए हैं लेकिन इस बात को कोई भी नहीं झुठला सकता की ताजमहल तेजो महालय भी हो सकता है.

लगातार विवादों में चला आ रहा है ताजमहल हिंदूवादी सरकार के सत्ता में आने के बाद ताजमहल को तेजो महालय सिद्ध करने का चलन लगातार बढ़ता ही जा रहा है हिंदू नेता ताजमहल में पूजा अर्चना करने को लेकर गिरफ्तार भी किए जा चुके हैं सांप्रदायिक दंगा ना हो इसलिए पुलिस प्रशासन सीआईएसएफ ASI के अधिकारी सभी ताजमहल की सिक्योरिटी में लगे रहते हैं कि किसी भी तरह का कोई ताजमहल में ना पहुंच पाए

इतिहास जांचने के लिए उठ रही लगातार मांग

ताजमहल(Taj Mahal) शाहजहां ने बनवाया या फिर हिंदू मंदिर है उसके इतिहास को लेकर लगातार लोग जांच कराने की मांग कर रहे है। हर कोई या जानना चाहता है कि ताजमहल का इतिहास क्या है इसलिए एक बार फिर से ताजमहल पर रिसर्च कराकर उसकी इतिहास को लोगों के सामने रखा जाए उसके लिए सभी प्रयास कर रहे हैं।

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