बिना कोचिंग के IAS की तैयारी कैसे शुरू करें:UPSC Preparation Strategy for Beginners in Hindi:By Roopraj Mehra

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बिना कोचिंग के IAS की तैयारी कैसे शुरू करें:upsc preparation strategy for beginners in Hindi

ज़्यदातर युवाओ के लिए ये सबसे बड़ा सवाल है कि बिना कोचिंग के IAS की तैयारी कैसे शुरू करें देश में पॉलिसी मेकिंग में अपना योगदान देना सिविल सर्विस एग्जाम की तैयारी करने वाले हर उम्मीदवार का सपना होता है। यह भी सही है कि यह सबसे मुश्किल एग्जाम्स में से एक है जिसमें लाखों एस्पिरेंट्स के बीच मुकाबला होता है। ऐसे में नियमित पढ़ाई, कड़ी मेहनत के अलावा तैयारी की स्ट्रैटजिक प्लानिंग इस एग्जाम की प्रेपरेशन में सबसे जरूरी फैक्टर्स होते हैं। पढाई का एक पैटर्न होना बहुत जरुरी है एक पैटर्न के साथ पढ़ना स्टूडेंट्स को मजबूत तैयारी के साथ- साथ स्टूडेंट को सफलता के लिए तैयार करता है वहीं आगरा आप बिना किसी स्ट्रैटजी के आगे बढ़ना आपकी एग्जाम में असफलता की संभावना को बढ़ा देता है।

UPSC की तैयारी कैसे करे ?

जब भी आप UPSC की तैयारी की शुरुआत करे NCERT की बुक से कीजिये उनका कोई भी विकल्प नहीं है।NCERT आपके बेसिक क्लियर करने के काम में आती है। ऐसे छात्र जिनकी पृष्ठभूमि कला क्षेत्र से न रही हो उनके लिए ये सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। NCERT कोर्स को ख़त्म करने का एक टारगेट बनाइये और उसे 3 माह में ख़त्म कर दीजिये
और ध्यान रहे महत्वपूर्ण तथ्य जो आपको आगे सहायता प्रदान करेंगे उन्हें हाईलाइट करते हुए चलना है। कम से कम चार सब्जेक्ट्स जिसमे इतिहास, भूगोल, राजनीति विज्ञान और अर्थशास्त्र आदि की 6 से 12 तक की तो ख़त्म ही कर लीजिये।
जब NCERT ख़त्म हो जाये फिर आपको हर विषय की मुख्य किताब लेनी होगी हर विषय के विशेषज्ञों की अलग अलग किताबे हैं। ये लिस्ट भी नीचे

UPSC की तैयारी किन किताबो से करे ?

अब एक और सवाल आता है कि बुक किस लेखक कि ली जाए जो हमारे समझ मैं भी आसानी से आये और तैयारी के लिए अच्छी भी हो तो आप नीचे सुझाई गयी कुछ किताबो को लीजिये। UPSC Preparation Strategy के साथ की जाये तो इसे क्रेक करना मुश्किल नहीं है

  • इतिहास प्राचीन भारत – राम शरण शर्मा
  • मध्यकालीन भारत- सतीश चंद्र
  • आधुनिक भारत विपिन चन्द्र, स्पेक्ट्रम ( राजीव अहीर)
  • भारत एवं विश्व का भूगोल
  • कुमार बर्णवाल माजिद हुसैन खुल्लर (कोई भी एक)
  • भारतीय राजव्यवस्था- एम लक्ष्मीकांत
  • लुसेंट प्रकाशन की किताब
  • सामान्य विज्ञान + घटनाचक्र पर्वावलोकन विज्ञान प्रौद्योगिकी
  • भारतीय अर्थव्यवस्था – रमेश सिंह / मिश्रा एवं पुरी प्रतियोगिता दर्पण अर्थव्यवस्था अतिरिक्तांक
  • आंतरिक सुरक्षा अशोक कुमार
  • पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी पीसी शर्मा या दृष्टि पब्लिकेशन एथिक्स शुब्बा
  • भारतीय समाज की समस्याएं- राम आहूजा * अंतरराष्ट्रीय संबंध – पुष्पेश पंत

अब एक एक विषय को लीजिये और उसकी NCERT भी लीजिये फिर उसे पढ़कर नोट्स बनाते जाइये। जब एक विषय पूरा हो जाये फिर दूसरा ले लीजिये और उसी दौरान पहले का रिवीजन करते जाइये, इसी तरह प्रक्रिया आगे बढाइये।
UPSC की तैयारी के दौरान सबसे महत्वपूर्ण है समाचारआखिर आपको राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय गतिविधियों का पता होना चाहिए। अब सवाल ये आता है की कौन सा समाचार पत्र ? कई लोगों ने मुझसे कहा था

कि सर हमारे यहाँ THE HINDU नहीं आता, ऐसे भी बहुत लोग है जिन्हें अंग्रेजी में समस्या होती है, तो देखिये समाचार पत्र जरुरी नहीं कि THE HINDU ही हो अगर आपको नहीं मिल पा रहा या नहीं समझ आ रहा तो आप कोई भी एक राष्ट्रीय पेपर फॉलो कर सकते हो। इसके साथ ही आपको PDF Format में भी समाचार पत्र मिल जायेगा

एक सबसे महत्वपूर्ण काम हैं जो आपको पूरी तैयारी के दौरान करना है
आप रोज किन्ही 2 प्रश्नों को लेकर Answer राइटिंग कि प्रैक्टिस कीजिये वो प्रश्न किसी भी चीज से सम्बंधित हो सकते है विषय से या समसामयिक मुद्दे से क्योंकि UPSC मुख्य परीक्षा में सफलता का एक मात्र आधार आपका उत्तर लेखन ही है।

पेपर पैटर्न UPSC सिवल सेवा:

प्रारंभिक परीक्षा जो होगी उसमें  पेपर- I और II शामिल हैं वस्तुनिष्ठ प्रकार में बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाते हैं जिसके कुल अंक 400 के होते हैं। इसके बाद सामान्य अध्ययन के पेपर-2 में एक उम्मीदवार को कम से कम 33 प्रतिशत अंकों लेकर अर्हता प्राप्त करनी ही होती है। प्रत्येक प्रश्न के लिए नेगेटिव मार्किंग उस सवाल को दिए गए मार्क्स का एक तिहाई होता है । पेपर-I में प्रश्न सात अलग-अलग परीक्षा क्षेत्रों से आते हैं जैसे की

  • इतिहास और संस्कृति
  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी
  • भारतीय राजनीति
  • भारतीय अर्थव्यवस्था
  • पर्यावरण और पारिस्थितिकी
  • राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व की वर्तमान घटनाएं
  • भूगोल

By: UPSC Aspirant Roopraj Mehra

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1 COMMENT

  1. […] Career Guidance: पिछले सालों  में इस पूरी दुनिया ने वैश्विक महामारी का प्रकोप झेला। दुनिया ने मजदूर वर्ग और कॉर्पोरेट उद्योग सहित लगभग सभी के जीवन में भारी बदलाव देखा है। बाजार में अपना वर्चस्व बचाने के लिए ज्यादातर कंपनियां ऑनलाइन मार्केट में उतरी और केबिन मीटिंग्स Zoom मीटिंग, G-Meet मीटिंग्स में बदल गईं। इसलिए कामकाजी जीवन शैली और मानक दोनों को बदल दिया गया। इसके प्रभाव से हाल के दिनों में करियर में बड़ा बदलाव देखा जा सकता है। इन नए कार्य मानकों और फ्रीलांसिंग वर्क फ्रॉम होम को भी बाजार में भारी वृद्धि मिलती है। वर्क फ्रॉम होम की मदद से अब कंपनियां विश्व स्तर पर कर्मचारियों को अधिक आसानी से चुन सकती हैं और वही उम्मीदवारों के लिए भी यह आसान हो गया है कि वे दुनिया भर में अपनी वांछित कंपनी चुन सकते हैं और अपने स्थान पर काम कर सकते हैं। […]

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